#वास्तविक
ये ख्वाब, जज्बात , लम्हे, लब्ज़, ए सब जुठी आजमाइश है शाहब,
अगर वो मेरे दिल को समझ पाए तो खुदा की लिखावट का इशारा हो सकता है।
वो जान जान बनाए हुए है, जूठे अल्फ़ाज़ से दिल को जुठी सदाये दे रहे है,
वास्तव में वो कहीं नादानी में अंजान शहर की गली के सफ़र में जुड़ें जा रहे है।
DEAR ZINDAGI 💞