कुछ पल के लिए ऐसा लगा कि,
हम कभी बोहोत करीब थे तुम्हारे....

वास्तविक रूप में ये एक ख्वाब था,
जो कभी न मिल सके वो नसीब थे हमारे...

- परमार रोहिणी " राही "

#वास्तविक

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111494716

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