आज दिल में मची है बड़ी खलबली;
फिर हमारे अरमानों की चिता जली;

कैसे बितायेंगे युंही पुरी जींदगी हम,
कल दिल में फिर कोई इच्छाएं पली;

बिखर गयें है हम हरबार तुटते तुटते,
मर जायेंगे अगर कोई इच्छा ना फली;

....✍️वि. मो. सोलंकी "विएम"

Hindi Shayri by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111494538

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