है भरोसा मंजिल ए महोबत पा लेंगे
बस, कस्ति को साहिल ही पा लेंगे

कंई राहे गुम ,तलाश होती रहती है
नूर ए अलम रुहानियत में पा लेंगे

अहेसास है दिल में ,सुकुन भी जरा़
दर्द ए दिल ,मरहमी अंजाम पा लेंगे

रुसवाई के दौर से गुजरे जरुर हम
मौज ए मिलन ,हकीकत में पा लेंगे

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111493376

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