दर्द का रिस्ता ,दिल से ही तो है
वोह फरेब नही, गुुमराह ही तो है

जख्म से बहुत पुरानी है दोस्ती
झेलनाा, मरहमी अंदाज ही तो है

बरतरफ क्युं होना ,अंजुमन से
शम्अ ओर परवाना दिल,ही तो है

उलफत की रंगीनियोंं को समजिए
बेवफाई ,दिल की सफाई ही तो है

मिले ,नूर में तरबतर आईना दििल
महोबत ए याराना ,तकदीर ही तो है

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111493375
Chahat 4 years ago

વાહ મુહબ્બત તકદીર હોતી હૈ, ક્યા બાત

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