नन्ही सी दुनिया का नन्हा सा राजा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

बचपन की यादों में पचपन सवेरे
अंधेरी सी कुटिया में लकड़ी का बाजा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

चमकता रहेगा जीवन में हर दम
उजाले का सूरज रातों का चंदा
दादी की लोरी मुझे तू सुला जा
ममता की चोली बुलाए तुम्हारे

जिया है जो जीवन काफी है इतना
सहा है जी जीवन सहूंगा और कितना
चूल्हे की अग्नि मुझे तू जला जा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

क्षणभंगुर है जीवन यह सबको बता जा
मुझको सुलाकर तो सबको जगा जा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

Hindi Poem by vikas kushwah : 111492276

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