कलम लिखना तो बहोत चाहती है,
आँखे बरसना भी बहोत चाहती है...

पर जब तुम्ह नजर आते हो कान्हा...!
ये नजरें युही उत्साही हो जाती है...

- परमार रोहिणी " राही "

#उत्साही

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111491507

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