क्यों आज आसमान तुमे सुना सा लगता है??
ये राह का हर कदम अब गुनाह सा लगता है।

"बेनाम" अब इश्क में इतनी तल्खियां क्यों है?
ये शख्स तुमने लाखो में से चुना सा लगता है।।

@benaam

Hindi Shayri by Er.Bhargav Joshi અડિયલ : 111489242
Krishna 4 years ago

Wahhhhh kya baat hai 👌👌👌

Er.Bhargav Joshi અડિયલ 4 years ago

वाह....👌👌 क्या बतलाए हम केसा हमसाज लगता है। ये दर्द गुमनाम आशिकी का ताज लगता है।।

Krishna 4 years ago

Har shaks har manzr yha gumnaam sa lgta hai, Ab tu he bta e Dil kya ye ishq ka prinam lgta hai?

Er.Bhargav Joshi અડિયલ 4 years ago

वाह.... हिमायते हर किसी की हर किसी से होती नहीं। हिमाकत तुमने दलीलों की है वार फिर गहरा होगा।।

Kaju Patel 4 years ago

है दलीलें तेरे खिलाफ मगर सोचती हु तेरी हिमायत में हिमायत (तरफदारी)

Er.Bhargav Joshi અડિયલ 4 years ago

वाह..... अंदाज ये मोहोबत का क्यों अलग सानी लगता है ?? दर्द की निगहबानी है या फिर वो महेरबान लगता है।।

Moni Patel 4 years ago

की बहोत बारिश के बाद आसमान सुना ही लगता है, दिल तुट जाए तो इश्क भी गुनाह ही लगता है हां माना कि लाखों में से पसंद किया होगा उसको, पर moni, वो भी तुम्हें ही पसंद करें ये समझौता गलत सा लगता है

Bhumi Polara 4 years ago

Vahhh....👌👌👌👌👌

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