ये इश्क़ ज़ुनू है यूँ नहीं जाएगा ,
फ़क़त जिस्म अलग करने से नहीं मानेगा ..
रास्ते में इसके जो बीच में आएगा,
आग में इसकी जलकर राख हो जाएगा ..
मिटाने वाला हर कोई पछताएगा ..
इश्क़ ज़माने वालो को ज़िंदा दफ़नाएगा..
जो छेड़ेगा इसे वो बच के कहां जायेगा,
इश्क़ की तबाही वो सह नहीं पाएगा..