उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में रहती थी एक लड़की...
अकेले सबसे अलग-थलग सहमी-सहमी डरती
एक दिन उसने देखा हंसता हुआ एक लड़का
सूरत से लगता था वो जैसे कोई गुड्डा
बातें जब वो करता लड़की ज़ोर-ज़ोर से हंसती
और काले बादलों से बारिश झर-झर झड़ती
बह जाता उस लड़की का डर और वो अब
गुड्डे संग मिलकर बरसात है करती,वो एक दूर
देश की उष्ण कटिबंधीय लड़की.....


#उष्ण

Hindi Poem by मिन्नी शर्मा : 111486189

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