#जोरदार
बेटी की विदायी का।
उत्साह अनोखा होता है,

चैन की सांस के साथ,
एक बैचैनी सी होती है।

दान करके भी कन्या का,
दिल से नही दूर कर पाता है।

आँसू और खुशी का यह,
संगम अनोखा हो जाता है।

पिता के दिल की धड़कन,
दिल से जुदा हो जाती है।

देखते- देखते आँखों से ओझल हो जाती है,
बस, चहकती चिड़िया घरोंदा छोड़ जाती है।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111485003

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now