मेरे दिल के जख्म अब पुराने हो गए हैं ,,,

कि उसकी गली से गुजरे जमाने हो गए हैं..!!

✍️ गीता परमार..

Hindi Blog by Parmar Geeta : 111484626
Firdos Bamji 4 years ago

बढिया है !!!

મોહનભાઈ આનંદ 4 years ago

वोह सहर ए वफ़ा ,ना आई जिंदगी ना बहारों का अलम,लाई जिंदगी; मौसम पतझड़ ,इस कदर हावी हुआ, अश्कों की भीड़, बीरहाना हुई जिंदगी

Parmar Geeta 4 years ago

Supreb.. 👌 शहर में गलियों गलियों जिसका चर्चा है , वो अफसाना तेरा भी हैं मेरा भी,,, गम का खजाना तेरा भी हैं , मेरा भी,,,

Abbas khan 4 years ago

वाह।।।👍👍 गुजर रहा था तेरी गली से सोचा उन खिड़कियों को सलाम कर लूँ जो कभी मुझे देख कर खुला करती थी

Tiya 4 years ago

Wah wah 👏🏻👏🏻

Asmita Ranpura 4 years ago

Superb....👌👌

Devesh Sony 4 years ago

Vahh... Kya baat... 👌

Yakshita Patel 4 years ago

ક્યાં બાત

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

उति उमदा...

Shefali 4 years ago

ક્યા બાત..👌🏼👌🏼

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now