#इश्क़  का हर #रास्ता  नादानियों से भरा
न जाने किस रास्ते में मंज़िल मिले
एक नादान #परिंदा  ने मुझे उड़ना सिखाया
ना जाने उस #उड़ान  को कब #बुलंदी  मिले
#Khatri

Hindi Shayri by Mehul Chhatbar : 111480198

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