कुछ मिलती है कुछ से दूरी होती है,
सबकी सब ख्वाहिश कब पूरी होती है ।।

चलती है कंधो पर अपने भार लिए,
सांसों की कैसी मजबूरी होती है ।।

🥀 #दर्द

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