#Unique /अनूठा

अंधकार से भरी निशा में,
यज्ञ कौन करता है,
दशों दिशा स्तब्ध हों ऐसा,
मौन, कौन भरता है।

क्या यह हठ है? कोई शठ है,
करता कुछ षड्यंत्र?
या प्रभु का प्रेमी है कोई जिसको,
मिला प्रेम का मंत्र?

प्रेम प्रकृति का परम सत्य है,
प्रभु खा लेते जूठा,
प्रेम करे तो सब जग साधे,
प्रेम प्रयोग अनूठा।।

Hindi Poem by Yasho Vardhan Ojha : 111479014

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