वक्त के समान्तर क्षितिज पर सरपट दौड़ती जिंदगी में, मैं जगाना चाहता हूँ सुसुप्त प्रेम को जिसे मेरे अंदर कोई ईर्ष्या,द्वेष,स्वार्थ शेष न रहे,तब मैं जी पाऊंगा एक खूबसूरत जिंदगी...

Hindi Quotes by Rajesh Kumar : 111477761

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