*मेरे गांव चले आओ, जमीं पर फूल खिलते हैं।*
*रात को बंद दरवाजे , सुबह हर रोज़ खुलते हैं।*
*कभी अनबन जो हो जाय, दिलों में घर नहीं करती,*
*सुबह की भूल कर रंजिश,शाम सब लोग मिलते हैं।।*
सीमा शिवहरे सुमन

Hindi Shayri by Seema Shivhare suman : 111477192
Pranjal Shrivastava 4 years ago

बहुत अच्छा.. कहाँ है आपका गाँव... कल ही चलते हैं...

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