अपने आप का साथ दो , कहने वाले तो कहते ही रहेंगे I
दुःखी होगा परिवार,
सदस्य एक कम हो जायेगा।
बोलने वालों की ज़बान पर,
मगर लगाम कौन लगायेगा।
हौंसला तो रखना होगा,
कि सह लें कटाक्ष, सवालों को।
सांत्वना कौन देगा फिर,
मेरे बाद मेरे घरवालों को।
यकीनन बहुत सहा होगा,
असह्य वेदना होने पर यह कदम लिया होगा।
अब सिर्फ बोलने वालों की शक्ति बढ़ जायेगी।
चार थे वो अब आठ हो जायेंगे।
हम मगर तब तक जीव से ख़ाक हो जायेंगे ।