#शुक्रगुज़र
कैसे करे बया शब्दो मे,
कैसे करे शुक्रिया लब्जो में

जिन्हों ने आस भरी साँसों में,
जिन्होंने फूल दिखाए कांटो में।

सपने बिखरे नैनो में।
प्यार बिखरा रान्हों में।

अपनी खुशी ढूंढ़ लि मेरी ख़ुशी में,
जनत ढूंढ लि मेरी हंसी में ।

कराया परिचय सिर्फ सुख से,
ढाल बना बैठा दुःख में।

कैसे उतारू कर्ज उनका मैं,
कैसेअदा कर उनका ऋण मैं।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111476964

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