#शुक्रगुज़र
"हम शुक्रगुज़र है उनके ---
" जिन्होंने हमें जमीन और बड़ाआसमान दिया रिश्तेदारी के लिए परिवार खुद और सबकोको समझने के लिए दिमाग दिया "
"हर जगह नहीं पहुंच सकते थे ईश्वर हमें
मातापिता गुरुजन का सदैव सहारा दिया "
" कुछतो बात कहने न कहने के लिए सब्र के साथमे एक विश्वास दिया "
" बारिश के मौसम में भीगने के लिए बचपन दिया
कागज की कस्ती नन्हे पन की ढेर सारी खुशियां और पूरा आसमान दिया "
"शरीर भी ऐसा बनाया जिसमें हर तरफ नवचेत
ना भंडार दिया.. देखने के लिए आंखें.. साहस
के लिए शक्ति..मुस्कुराने के खुशी.. किसीको समजने के लिए भावना, करुणा, दया का
उपहार दिया"
"कहते हैं की खुद समजना हैं तो दूसरो को
समजिए उसके लिए के महोबत प्रेम ओर
विश्वास दिया.. "
" जिंदा रहने के लिए हरोज़ इक नया हुनर कला और मन में विश्वास दिया.."
हम ईश्वर आपकी और आपकी दी गई सृष्टि के आभारी है.. आभारी रहेंगे..।
सुनिलकुमार शाह