"बुद्धि का सूखा पेड़"
घर की रसोई में एक चक्र हमेशा चलता रहता है।
कमाने वाला पैसे देता है, और कोई सदस्य जाकर बाज़ार से राशन लाकर रसोई में रख देता है।
तब घर की अन्नपूर्णा सबको भोजन देती है।
लेकिन कुछ मंदबुद्धि लोगों को ये चक्र समझ में नहीं आता। उन्हें लगता है कि रसोई में भोजन का भंडार है, यदि सौ लोग भी आ जाएं तो उन्हें वहां से खाना क्यों नहीं दिया जाता?
लेकिन लोगों की हिम्मत की दाद दी जानी चाहिए कि वे चाहे अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, पाक शास्त्र, व्यवहार शास्त्र आदि बिल्कुल न समझें,पर राजनीति शास्त्र के सहारे एक दिन देश का राजा बनने का दिवास्वप्न तो देख ही लेते हैं।

Hindi Motivational by Prabodh Kumar Govil : 111476355

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