खुद को खुदा जाने
खुद को ही माने
निजता की शक्ति को ही पहचाने!
स्व: ही स्वयंभू....
स्व: ही जग पालक.....
किसी का ना बंधु
किसी का ना भ्राता
ना रखे किसी से
दूर दूर तक का नाता ,
वो निश्चय ,निरंकुश
आतताई होगा।
शब्दकोश में उसके
'अहं ब्रह्मास्मि 'ही होगा
फिर....
उसका भी जीवन क्षणभंगुर होगा
ऐसा ही इंशा ,
दुनिया का आखिरी इंसान होगा!!

नमिता "प्रकाश"
१६.६.२०

Hindi Poem by Namita Gupta : 111475528

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