सुशांत सर आपके लिए लिखा एक छोटा सा शेर,
"बात गर मेरे बस की होती ना दोस्त,
तो में तुम्हारी किस्मत का वो पन्ना ही फाड़ देता जिसपर तुम्हारी मौत लिखी होती .."
जो लोगो को जीना सिखाता ता था,
उसने खुदने जीना छोड़ दिया,
जो कहता था की आत्महत्या कोई उपाय नहीं है मुसीबतों से छूटने का,
आज वो खुद ये काम कर गया,
सबकुछ था उसके पास,
क्या नहीं था,
पैसा था, प्यार था, मान सम्मान था,
इज्जत थी और एक बहुत अच्छा दिल भी था,
फ़िर ना जाने वो ऐसा क्यों कर गया,
ऐसी कोनसी बात होगी जिसने उसे अन्दर से तोड़ दिया,
यार कुछ तो तकलीफ़ होगी,
जो ना बता सकता होगा,
ओर ना ही बताए बग़ैर रह पाता होगा,
एक सवाल मुझे हमेशा रहेगा सुशांत सर आपसे,
"#की_क्या_था_जो_आपको_सोने_नहीं_देता_था ??
#ओर_क्या_था_जो_आपको_हमेशा_के_लिए_सुला_गया .. ??
बस एक दुआ है ख़ुदा से को आपकी आत्मा को शांति मिले
prem solanki ...