वह महामूर्ख कहलाते हैं,जग के बंधन में पड़ते हैं।
वह शूरवीर हैं कहलाते, जो बाधाओं से लड़ते हैं।।
अनुकरण किसी का किया नहीं, खुद के पदचिन्ह बनाते हैं।
दुनिया उनका अनुकरण करे,सब उनको शीश झुकाते हैं।।
ऋषियों-मुनियों का तपबल भी, उनके आगे फीका पड़ता।
जो निज स्वार्थ भुला देता, परोपकार हेतु है लड़ता।।
#मूर्ख

Hindi Poem by Manish Kumar Singh : 111474218

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