#सजावटी
ठंडी हवाओं में भीनी भीनी खुशबू
पूरे बदन को महका रही हैं
क्या तुमने इनसे अपना हाल भेजा है
जो मुझमें ये सिमटती जा रही हैं

ये रातों के रंगीन सजावटी तारें
तुम्हारेे मुस्कुराने से टिमटिमा रहे हैं
क्या तुमने कोई ख्वाब भेजा है
जो मेरी आंखों में जगमगा रहे हैं

ये अंधेरी रात हर तरफ सन्नाटा
किसी आहट का इशारा बता रही है
क्या ख्वाबों में खुद तुम आ रहे हो
जो मुझे तुम्हारा एहसास करा रही है

।। ज्योति प्रकाश राय ।।

Hindi Shayri by Jyoti Prakash Rai : 111472600

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