बारिश अाई थी कल अव्यवस्थित, चिंतित
पिछले सावन से बहोत अलग,
मैंने पूछा, क्या हुआ?
वह रो पड़ी, फिर चली गई
बिना जमे, बिना कुछ बताए।
अब में चिंतित हूं,खत भेजा है
शुरुआत सब खैरियत से की थी
देखते है क्या जवाब आता हैं।

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