ज़िंदा हूं।

इश्क़ मुक़्क़मल नहीं हुआ तो क्या,
उन यादों के सहारे में ज़िंदा तो हूं।
हर पल हमारा साथ नहीं गुजरा तो क्या,
उन लम्हो के सहारे में ज़िंदा तो हूं।
अब वापस मुलाक़ात नहीं होगी तो क्या,
उन उम्मीद के सहारे अब में ज़िंदा तो हूं।
-VANDAN❤️

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#Matrubharti
#मुलाक़ात

Hindi Shayri by Vandan Patel : 111460489

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