घुरूर है हमें हमारी महोब्बत पे,
की वो अजनबीओ के सामने,
अपने चेहरे पे पडदा गिरा देती है।

तारीफ़ भी क्यू ना करे हमारे मेहबूब की,
इस वफा-ऐ-इश्क़ में सभ्य बन,
वो हमारे इश्क़ को कुछ अलग सा ही नाम देती है।

kru...📝

#सभ्य

Hindi Shayri by Dr.Krupali Meghani : 111460237

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now