पार्क में अचानक सुनी गई बातों ने मिस्टर सहाय को बैचेन कर दिया और उन्होंने उनकी मदद करने का सोच लिया। क्या आसान है ऐसे बच्चे की मदद करना जिसके पिता उसे छोड़ कर जा चुके हैं और उसकी मम्मी ने उसे अब तक यह बात नहीं बताई है?
कैसे शुरू होता है मदद का सिलसिला और उस चक्रव्यूह में कैसे फंसते जाते हैं सहाय और नेहा? क्या आसान होता है उससे निकलना या वे और फंसते जाते हैं उसमें?
आखिर सहाय क्यों मदद करना चाहते हैं नेहा और राहुल की? क्या मकसद होता है उनका?
जानने के लिए पढ़ें उपन्यास छूटी गलियाँ

Kavita Verma लिखित उपन्यास "छूटी गलियाँ" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Hindi Story by Kavita Verma : 111458798

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