तू मेरे पास भी नहीं,
और मेरे साथ भी नहीं,
लेकींन तुझसे ज्यादा मेरे
दिल के करिबी कोई नही।
वैसे तो अजनबी थे हम,
कोई जान पहचान ना थी,
कुछ तो अलगसी बात है तुझमे,
किसीं और मे जो नहीं।
किस रीश्ते मे बांधू तुम्हे,
इस उलझन का कोई नाम नही,
थोडीसी दोस्ती, बहोतसा प्यार
पर इक़रार हमे करना नही।
सोचती हूँ भूल जाऊँ हर किस्सा
हर लम्हा तेरी मुलाकात का,
ये दिल,तेरी यादे इतनी बेवफ़ा,
तुम्हे खोना इन्हे मंजूर नहीं ।