वक़्त कैसा भी हो बीत ही जाता है।
तूफ़ान भी आके गुज़र जाता है।।
कुछ रोने तो कुछ हंसने के वास्ते।
बीते वक़्त की निशानियां छोड़ जाता है।।
©निमिषा

Hindi Shayri by Nimisha : 111455187

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