1-उल्टा अर्थ बताते हम ,शब्द विलोम कहाते हम ।
दिन ही रात का उल्टा है ,सच का उल्टा झूठा है ।
रात गयी दिन आया है ,जीवन और मृत्यु माया है ।
दुःख -सुख अपने साथी हैं,न प्रेम - घृणा को भाती है।
धूप -छाँव तो होना है ,क्या सर्दी -गर्मी का रोना है ।
धरा और गगन हमारे हैं ,हम माता - पिता के प्यारे हैं।
वृद्ध सिखाता बालक को,जागरण भगाता सपने को ।
दूर -पास क्या होता है ,क्यों हँसता और रोता है ।
चलना, कभी न रुकना तुम ,हँसना,कभी न रोना तुम ।
बड़ा और छोटा होने से ,क्या डर पाने -खोने से ।
बुरा -भला न सोचो तुम ,ऊपर -नीचे न देखो तुम ।