#ज़रूरतमंद
समय का पहिया चलता है,
सूरज फिर से निकलता है।

आज जो है तेरे पास उजाले,
उनसे तू मिटा दे किसीके अंधियारे।

हर रात के बाद सवेरा आता है,
वक़्त जिंदगी में सबका आता है।

सँवार ले कल को अपनी आज से,
क्योंकि ,जैसी करनी वैसी भरनी ।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111454572
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अति उत्तम.... सृजन...

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