ऐ दिल तु क्यों यूं ढल रहा हैं,
लगता हैं जैसे ख्वाहिशों का आशियां जल रहा है।
प्यार था या धोखा ये भी ना जाना ये गुस्ताख,
अब तन्हा बन क्यूं धीरे धीरे पीगल रहा है।

kru...📝

Gujarati Shayri by Dr.Krupali Meghani : 111454130

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