जुस्तजू किभी की ही नही तुजे पाने की,
ओर कभी ना होगा तुज़े खोने का गम ,
इश्क़ का दूसरा नाम ही आजादी है ।
जिस्म से परे रूह में बिठाये जनमो जनम ।
उस " ह्रदय " को हक़ है इश्क़ करने का ,
जिस में हो बिनस्वार्थ निभाने का दम ।

Hindi Shayri by Jadeja Ravubha P : 111453974

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