घोंसला

आ गई बरसात
चलो फिर घोंसला बनाएं
चल पड़ी तूफान
चलो फिर गुनगुनाएं

बहे कठिन पछुआ लहर
या सुहानी पुरवाई
ताड़ हो या हो खजूर
या सुहानी अमराआई
आ गई बरसात
चलो फिर हौंसला बढ़ाएं

हैं अकेली जिंदगी
कर लो भलाई
रेत की दुनिया करें क्या
कण कण में विपदा समाई
आ गई प्रभु याद
चलो फिर प्रसाद चढ़ाएं

-शिवसागर शाह'घायल'

#घोंसला

Hindi Poem by Shiv Sagar Shah : 111452585
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अति उत्तम सृजन शैली..

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