आखिर में चैन कहाँ?
भीड़ में भी अकेले,
अकेले में तन्हाई,
तन्हाई में दर्द,
और दर्द में आंसू
आँसू से क्षणिक शांति,
फिर वहीं मसला
भीड़ में तन्हाई
और अकेले में भी तन्हाई,,,,

Hindi Poem by सिद्ध साहित्य : 111452282

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