देह की बैचेनी ने कामिनी को निराश कर दिया वहीं राकेश के उफनते अरमानों ने नीलम को परेशान कर दिया है। उसे बार बार टालना उसमें गिल्ट पैदा कर रहा है वहीं मुकुल अपनी भावनाओं को व्यक्त ही नहीं कर पा रहा है। सुयोग और प्रिया दूर रहते रहते सामीप्य के अभाव से हताश हो रहे हैं वहीं शालिनी दोस्तों के साथ म्यूजिक मस्ती और पार्टी के बावजूद भी अकेली है। स्याह रातों का अकेलापन दूर करने का जो तरीका उसने अपनाया है क्या वह ठीक है?
पार्टी में मुकुल कामिनी की जोड़ी सबके आकर्षण का केंद्र है और सभी की तारीफें मुकुल के साथ डांस कामिनी की हसरतों को जगा रहे हैं क्या होता है उन हसरतों का? क्या दोनों के बीच वो नजदीकियां कायम हो पाती हैं?
तीस साल के युवा से लेकर पचास साला जोड़े तक के रिश्ते देह की दहलीज पर क्या रंग लेते हैं जानने के लिए पढ़ें उपन्यास
देह की दहलीज पर

Kavita Verma लिखित उपन्यास "देह की दहलीज पर" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Hindi Story by Kavita Verma : 111452004

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