#Mighty /पराक्रमी


पाखंडी एक देश का,
कुछ ऐसा है हाल,
खुद से गड्ढा खोदा कर
बुला रहा है काल।

बुला रहा है काल,
दंभ में फूला-फूला,
उन्मादी बन गया,
नशे का झूला झूला।

करता है उत्पात ,
किसी वानर के जैसा,
स्वांग सिंह का करे,
पराक्रमी होगा कैसा।।

Hindi Poem by Yasho Vardhan Ojha : 111450808
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत सराहनीय..💐👏

Brijmohan Rana 4 years ago

बेहतरीन कविता ।

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