प्रेमिका और पत्नी हमेशा से ही एक पुरुष के जीवन में अहम भूमिका निभाती हैं।
इनमें से एक पुरुष को प्रेम का अर्थ समझाती है, और एक कर्तव्यों का निर्वहन करना सिखाती है।
एक बताती है जीवन में सुख का क्या महत्व है, और एक दुःख में भी जीवन जीने की कला सिखाती है।
कह सकते हैं कि इन दोनों की ही भूमिका प्रेम के आधार और प्रेम के सार को प्रस्तुत करती है..
मगर फिर भी कहीं ना कहीं यह दोनों स्वयं को एक दूजे से कम आंकती हैं.. और एक दूसरे के स्थान को प्राप्त करना चाहती हैं.. जो कि ग़लत भी नहीं है।
प्रेमिका हमेशा स्वयं में पत्नी को खोजती है,
और पत्नी हमेशा स्वयं में प्रेमिका को खोजती है।
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Hindi Blog by Roopanjali singh parmar : 111450720
Roopanjali singh parmar 4 years ago

हमें नहीं आती गुजराती

KULDEEP LUKHI 4 years ago

गुजराती में भी पोस्ट किया करो...

Roopanjali singh parmar 4 years ago

जी आभार🙏🙏

Roopanjali singh parmar 4 years ago

जी शुक्रिया🙏🙏

Roopanjali singh parmar 4 years ago

जी दोनों ही महान महाकाव्य की तुलना किसी अन्य से नहीं हो सकती।🙏🙏

KULDEEP LUKHI 4 years ago

।।जैसे की रामायण और महाभारत।।

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