शक्तिमान

सत्य हो जिसके हृदय में
शक्ति का संज्ञान हो
बोध हो कर्तव्य पथ का
भक्ति का विज्ञान हो

हो मनुजता अंग संग
वास्तविकता का ज्ञान हो
मिलकर बढ़े वह प्रगति पथ पर
राष्ट्रहित पर अभिमान हो

उर्वर करें जो धरा धाम
पर्यावरण का जो करे सुधार
जो बने व्यक्ति का जीवन आधार
वास्तव में ऐसा शक्तिमान हो।
-शिवसागर शाह 'घायल'


#शक्तिमान

Hindi Poem by Shiv Sagar Shah : 111450244
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

वाह.. अप्रतिम.. अद्भुत सृजन शैली...

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