सच्चा मित्र ही जीवन की औषाधी होती है
जिस तरह औषाधी कडवी होती है और बीमारी को दूर करती है!
उसी तरह सच्चा मित्र वही हे जो अपने मित्र की बुराई
को दूर करने के लिए कडवे वचन कहे!
अन्यथा अपने हित के लिए तो हर व्यक्ति झूठी तारीफ और चपलता करता है आज के ज़माने मे.