मैं खुद से ही बातें करता हूं
मैं खुद से ही मौन हो जाता हूं
मैं खुद पर ही हंसता हूं
मैं खुद से दुखी हो जाता हूं
मैं खुद से ही खफा होता हूं
मैं खुद को ही फ़िर मना लेता हूं
मैं खुद को ही खूब सोचता हूं
मैं खुद को नजरंदाज कर देता हूं
मैं खुद को ही परेशान करता हूं
मैं खुद को ही खुश करता हूं
मैं खुद से ही लड़ता झगड़ता हूं
मैं खुद को ही बाहों में लेता हूं
एक मैं ही तो हूं जो बड़ी सुलभता से
मिल जाता है खुद को
खुद की ही बातों के लिए
हर हालत में, हर समय में
एक पक्के दोस्त की तरह
:- भुवन पांडे
#खुद