मोहब्बत का शपथ - पत्र
मैं तुम्हें अपने पास रखूंगा,
अपनी नियत, सदा साफ रखूंगा।
नहीं फेरूंगा नजरें मैं इधर - उधर,
अपनी आदत, मैं पाक - साफ रखूंगा।
मोहब्बत में मेरी कोई कमी ना रहे,
इस कदर तुमसे अपनी मोहब्बत का हिसाब रखूंगा।
ना बहकने दूंगा मैं तुम्हारे भी कदम,
अपनी आंखों में मैं इतनी शराब रखूंगा।
जान की बाजी लगानी पड़ी तो मैं लगा दूंगा बे-हिचक,
तुम्हारी हिफाजत में अपनी मौत का अरमान साथ रखूंगा।
कोई उठा ना सके तुम पर तोहमत भरी ऊंगली,
हर सवाल का जवाब मैं तैयार रखूंगा।
तुम्हारी हर शिकायत सिर आंखों पर होगी,
अपनी बात से उपर मैं तुम्हारी हर बात रखूंगा।
ज्यादा तो नहीं कहता मैं तुमसे लेकिन ,
कहीं झेलनी ना पड़े तुम्हें शर्मिंदगी मेरी वजह से,
इतनी ऊंची मैं हमेशा तुम्हारी नाक रखूंगा।