करुनेश कंचन.. 4 years ago

...अब यह अहसास तो विरले लोंगो में पाया जाता है......ऐसे लोग तोड़ने में ही रस लेते हैं....शायद ईर्ष्या, या अहंकार के चलते...💐💐💐💐💐

करुनेश कंचन.. 4 years ago

बहुत खूब...👌👌💐💐

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