गजल ।
काफिया .आ ।
रदीफ़ .न करो ।
तुम बेवजह आया न करो ।
दिल को तड़पाया न करो ।।
तुम दीदार दिया न करो ।
दिल का चैन लुटा न करो ।।
हंसते हुए निकला न करो ।
प्यार में तरसाया न करो ।।
कजरारी आँखें दिखाया न करो ।
आँखों से गिराया न करो ।।
वफा का सलिका दिखाया न करो ।
बेवफा तुम बना न करो ।।
बृजमोहन रणा ( बृजेश ) ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।