शानदार मुक्तक ..
आज दिल को यूँ लगे ,जाने कहीं कुछ खो रहा ।
याद करके कोई शायद ,आह भरते सो रहा ।।
क्या करुँ तू ही बता दे ,एखुदा उस यार का ।
रात भर जो छटपटाता ,क्यों नही जो सो रहा ।।
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मेरे पहलू से उठ कर दिल तेरे कदमों में जा बैठा ।
भला क्यों छोड़ सागर वो गंदे नालों में जा बैठा ।।
वफादारी के बदले में जफाओं में गंवाता है ।
बडा ही संग दिल निकला दर्दे छालों में जा बैठा ।।
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दिल की ये मजबूरियाँ ,नही छोड़ता प्रीत ।
एक चाह लेकर चले ,मिल जाए मन मीत ।।
भावुकता होती प्रबल ,चाहे हो नुकसान ।
यादों में खोया रहे ,गाता रहता सदा गीत ।।