तूने मुझे छोड़ा है
तकलीफ तुझे नहीं
मैं अपने आप को दूंगा
हर उस रात को दूंगा
सीहाई से नहीं
अपने आंसु से लिख कर उस किताब को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं , मैं अपने आप को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं ,मै अपने आप को दूंगा

मजहब में पर्दे के पीछे रहा करती थी
उसे वहां से निकाल कर मैंने दुनिया दिखाई
और आज वो दुनिया देखने मेरे बिना ही निकल गई
सुना है उसने आजकल नया बाबू शोना जान बनया है
अब जलील करके तेरे हर उस शोना जान को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा

लिख रहा हूं उन पन्नों पर तेरी बेवफ़ाई,
एक बार तू पूछ रही थी ना
तुम मुझसे कितना प्यार करते हो
तो सुन लिखित में तेरे हर उस हिसाब को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं , मैं अपने आप को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा

कभी प्यार से तेरा रास्ता रोका करता था
आज देख उन रास्तों से साफ हो चुका हूं
अब तू उन राहों पर मिलेगी ना
तो नकार के तेरी हर उस बात को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं अपने आप को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा

आज याद करके आंखे नम हैं मेरी,
चांदनी रात में तू मेरी बाहों में सोया करती थी ना
घंटो बैठ के प्यार भरी बातें किया करती थी ना
खुद को चांदनी ,मुझको चांद बोला करती थी ना
अब रात भर अकेला बात करके उस चांद को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा
अब तकलीफ़ तुझे नहीं मै अपने आप को दूंगा
by #MoonsFeeling
© Chand Hussain

Hindi Shayri by MoonsFeeling : 111441323

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