#न्याय

अदालत सजा दो, मेरे बाजार में,
मेरा मेहबूब न्याय का फरमान लेकर आया है।
जो साथ में लेता था कसमें जीने मरने की,
आज वहीं मेरी फांसी मुकद्दर करने आया है।।

कहता था, जन्नत सजा दूंगा तेरे पैरों में,
लगता है आज वो जन्नत बिछाने आया है।
मेरे शब को अपने बाहों में लेकर ,
जैसे खुद के जनाजे का भी पैग़ाम देने आया है।।

kru...📝

Hindi Shayri by Dr.Krupali Meghani : 111437796

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