योग सूत्र -१

झूठ का सच से आगे बढ़ते हैं |

दोस्तों, अभी तक हमने अपने मन के खेल देखे हैं | अब बात करते हैं कि यह सब क्यों हो रहा है | मन क्यों खेलता है और आध्यात्म क्यों कहता है कि बुरे का फल बुरा और अच्छे का फल अच्छा ही मिलेगा | कोई तो कारण होगा | आज उस कारण को खोजते हैं |
आज का विज्ञान कहता है कि “Newton's first law states that every object will remain at rest or in uniform motion in a straight line unless compelled to change its state by the action of an external force. ... The third law states that for every action (force) in nature there is an equal and opposite reaction.” अब अगर इसे गीता में कहा गया कर्म-योग से मिलान करें तो उसमें कहाँ गलत कहा गया था | अब हम यदि फिजिक्स के circular motion के सिद्धांत को लें तो वह कहता है कि circular motion is a movement of an object along the circumference of a circle or rotation along a circular path. It can be uniform, with constant angular rate of rotation and constant speed, or non-uniform with a changing rate of rotation. The rotation around a fixed axis of a three-dimensional body involves circular motion of its parts. The equations of motion describe the movement of the centre of mass of a body. यानी जो भी हम करेंगे कुछ समय बाद हमारे पास वापिस आएगा | अब आप ही बताइए कि आध्यात्म की सोच और खोज कहाँ गलत थी |
बीज से पौधा, पौधे से पेड़, पेड़ से फल और फिर फल से बीज बनता है ये आज का विज्ञान भी कहता है और आध्यात्म भी कहता है | सब वापिस आता है | प्रकृति, ईश्वर के दूत का सबसे बड़ा उदाहरण है | जंगल इसी circular motion के सिद्धांत पर बढ़ते जाते हैं जब तक कि हम उसे बर्बाद नहीं करते | अगर यह सब प्रकृति कर रही है तो इस धरती पर रहते हुए हम भी तो प्रकृति के अनुसार ही चलेंगे या चलना पड़ेगा | और अगर ये हो रहा है तो हमारी अच्छी सोच, अच्छे कर्म वापिस क्यों नहीं आएंगे और उनका फल अच्छा क्यों नहीं मिलेगा | इसी के मद्देनजर आध्यात्म में कहा गया है कि ईश्वर का अंश आत्मा रूप में हम सब में विद्यमान रहता है | इसका अर्थ है कि हम ईश्वर के अंश के साथ जन्म लेते हैं और वापिस वह अंश ईश्वर में जाकर मिल जाता है | ये भी तो circular motion है | कहाँ कुछ भी गलत कहा गया है | आज का विज्ञान भी अब यह कहने को मजबूर है कि एक God Particle है जिस से सब कुछ बना है सब उस में खो जाता है | यही सब आकाश में भी हो रहा है | सैकड़ो ग्रह, आकाश गंगा जन्म ले रही हैं और खो रही हैं |

Hindi Blog by Anil Sainger : 111437526

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now